८-गर्भमें परीक्षित्की रक्षा, कुन्तीके द्वारा भगवान्की स्तुति और युधिष्ठिरका शोककुन्तीके द्वारा भगवान्की स्तुति
९-युधिष्ठिरादिका भीष्मजीके पास जाना और भगवान् श्रीकृष्णकी स्तुति करते हुए भीष्मजीका प्राणत्याग करना भीष्म स्तुति
१०-श्रीकृष्णका द्वारका-गमन
११-द्वारकामें श्रीकृष्णका राजोचित स्वागत
१२-परीक्षित्का जन्म
१३-विदुरजीके उपदेशसे धृतराष्ट्र और गान्धारीका वनमें जाना १४-अपशकुन देखकर महाराज युधिष्ठिरका शंका करना और अर्जुनका द्वारकासे लौटना
१५-कृष्णविरहव्यथित पाण्डवोंका परीक्षित्को राज्य देकर स्वर्ग सिधारना
१६-परीक्षित्की दिग्विजय तथा धर्म और पृथ्वीका संवाद
१७-महाराज परीक्षित्द्वारा कलियुगका दमन
१८-राजा परीक्षित्को शृंगी ऋषिका शाप
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